इन तरीकों से तंबाकू की लत छुड़ा सकते हैं आप
ये कोई छिपी हुई बात नहीं है कि भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा तंबाकू खपत वाला देश है। देश में हर साल आठ से नौ लाख लोग तंबाकू जनित रोगों के कारण मौत का शिकार होते हैं। भारत में 15 वर्ष से अधिक आयु के किशोर वय के 35 फीसदी बच्चे किसी न किसी रूप में तंबाकू का इस्तेमाल करते हैं जबकि वयस्कों में 33 फीसदी मर्द और 18 फीसदी महिलाएं धुआंरहित तंबाकू का उपभोग करती हैं। यानी देश की कमोबेश 25 फीसदी आबादी सीधे-सीधे तंबाकू की चपेट में है। जाहिर है कि ये डराने वाला आंकड़ा है।
बेअसर दिखता है अभियान
यह स्थिति तब है जबकि देश में तंबाकू के खिलाफ जागरूकता अभियान लगातार चलाया जा रहा है और तंबाकू उत्पादों के पैकेट पर डरावने चित्र लगाए जा रहे हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल कहते हैँ कि छोटी उम्र के बच्चों में तंबाकू खपत तेजी से बढ़ा है और इसके लिए कई कारक जिम्मेदार हैं। इनमें आस-पास के माहौल का असर, दैनिक जिंदगी के तनाव का दबाव, व्यवहार में बदलाव, बुरी सोहबत और डिप्रेशन जैसे कारक प्रमुख होते हैं। डॉ. अग्रवाल कहते हैं कि किसी भी रूप में, मसलन सिगरेट, बीड़ी, गुटखा, खैनी, जर्दा, शीशा या नए दौर में ई सिगरेट का इस्तेमाल भी सेहत के लिए खतरनाक होता है। गौरतलब है कि तंबाकू के ये सभी रूप हमारे देश के हर हिस्से में आसानी से उपलब्ध हैं और भारी मुनाफे के लिए कंपनियां बड़े पैमाने पर इनकी मार्केटिंग करती हैं।
बीमारियों की जड़
इस बारे में sehatraag.com से बात करते हुए जीवनशैली संबंधी रोगों के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर अनिल चतुर्वेदी ने कहा कि तंबाकू में कैंसर कारक तत्व कार्सिनजेन व्यापक रूप से पाया जाता है जो कि मर्द और औरत दोनों की प्रजनन क्षमता को प्रभावित करने के साथ-साथ, हृदय और धमनियों से जुड़ी बीमारियों, कैंसर और टाईप 2 डायबिटीज का कारण बनता है। तंबाकू के सेवन का परिणाम जीन में बदलाव, गर्भपात के बढ़े खतरे और बच्चे के गर्भ में ही मौत के रूप में भी सामने आ सकता है।
कैसे छुड़ाएं लत
सवाल है कि किसी व्यक्ति को अगर तंबाकू की लत हो तो वो लत छुड़ाई कैसे जाए। डॉक्टर अग्रवाल कहते हैं कि सीधा से तरीका है, सिगरेट पीने या तंबाकू चबाने की तलब जोरों से लगती है मगर इसके लती को यह ध्यान रखना चाहिए कि ये तलब कुछ मिनट के लिए ही होती है। अगर आपने उतनी देर खुद पर नियंत्रण कर लिया तो तंबाकू के खिलाफ लड़ाई की दिशा में आगे बढ़ जाएंगे। हर बार इस तलब से पार पाने की कड़ी कोशिश आपको तंबाकू से छुटकारे की ओर ले जाएगी।
कुछ और तरीके
इसके अलावा कुछ और तरीकों से भी तंबाकू की लत छुड़ाने का प्रयास किया जा सकता है। इसके तहत कम मात्रा वाले निकोटिन उत्पाद मसलन निकोटिन गम, लॉजेंस, नेजल स्प्रे आदि का इस्तेमाल किया जा सकता है जो तंबाकू सिगरेट के विकल्प के रूप में काम करते हैं। जिस समय तंबाकू की तेज तलब लगी हो उस समय ये तरीके कारगर हो सकते हैं। इसके अलावा शारीरिक रूप से हमेशा सक्रिय रहने और तंबाकू की तलब की ओर ध्यान नहीं देने से भी फायदा हो सकता है।
डॉक्टर पेश करें उदाहरण
डॉक्टर अग्रवाल यह भी कहते हैं कि इस बारे में खुद चिकित्सकों को भी उदाहरण पेश करना होगा। डॉक्टरों पर काम का भारी बोझ और तनाव होता है मगर यह तंबाकू में राहत तलाशने की वजह नहीं हो सकता। मरीज अगर यह देखता है कि डॉक्टर साहब उसे तो तंबाकू छोड़ने को कहते हैं मगर खुद उसपर अमल नहीं करते तो वह कभी तंबाकू नहीं छोड़ेगा इसलिए जरूरी है कि खुद डॉक्टर पहले तंबाकू के सेवन से परहेज करें।
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